वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा का एक प्राचीन विज्ञान है, जो भवन निर्माण और वास्तुकला के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य भवनों को इस तरह से डिज़ाइन और निर्माण करना है कि वे प्राकृतिक ऊर्जा के साथ समरसता में हों और वहां रहने वाले लोगों के जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति लाएं। वास्तु शास्त्र का आधार पांच तत्वों (पंचमहाभूत) - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश - पर आधारित है, और इन तत्वों की ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने पर जोर देता है।
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है जो भवन निर्माण और डिज़ाइन के माध्यम से जीवन में सकारात्मकता और संतुलन लाने का प्रयास करता है। यह आधुनिक जीवन में भी अत्यंत प्रासंगिक है, क्योंकि यह प्राकृतिक ऊर्जा के साथ सामंजस्य स्थापित करने पर जोर देता है, जो जीवन को स्वस्थ, सुखी और समृद्ध बनाता है।
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